my-virtualspace
Pages
Home
Contributions
Kahi Ankahi......
Music
Sunday, February 23, 2014
falak.....
बादलों ने फिर से की है वो ही साज़िश
जहाँ घर है मेरा की है वही बारिश
फलक कि ज़िद है बिजलिया गिराने की
मेरी भी ज़िद है वही आशियाँ बनाने की
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment