Sunday, May 20, 2012

na jaane wo kaun tha

वो शख्स हमें अपनी सादगी से दीवना बना गया 
सादगी से हमें जाने कैसे तबाह कर गया 
कह गया की जा तुझे तेरे हाल  पर छोड  दिया 
इससे बेहतर तेरी और कोई सजा ना होगी 
रिश्ता तो रहा कुछ  अजीब सा 
ना नफरत  की वजह  ही मिली 
ना मोहब्बत  का सिला 
कुछ  अलग  ही था वो सिलसिला 
अपना भी ना  बनाया और 
 किसी का होने भी ना दिया 

rang

रज  के चढ़ा है और 
खिल  खिल कर लाल  हुआ 
आज  मेहँदी का ये रंग 
नाम  जाने किसका है छुपा 
संगीत  जैसी आवाज़  का वो सुर ताल 
कोई धुन  लायी है इस  अमावास  की रात 

Monday, May 14, 2012

yaadein

एक  दिन  था वो भी
धुप लगे आकाश  पर जब 
चाँद नज़र आ गया था 
डाकिये ने मुहर लगा 
एक  संदेसा लाया था तेरा 
भूली हुई सी कुछ  यादें
आई है चुपके से 
बीती हुई कोई कहानी सुनाने