Sunday, June 10, 2012

tum........



फिर से वो ही ज़िन्दगी मिले 
फिर से वो प्यार जो तुमसे हो
पलकों पे यादों की वो बूंदे हो
दूर क्षितिज तक चलते रहने को राह हो
सपनो भरी सी जो लगती वो रात हो
दूर हो कर भी शायद तुम पास हो
जो तुम न हो तो दर्द कुछ गहरा लगे
तुम्हारे बिना सब सूना लगे