Pages

Thursday, February 16, 2012

yaadein

वो कहते है मोहब्बत मोम का मंदिर है
तपिशे कही किसी नज़र की इसको पिघला न दे
पुछा था उन्होंने कभी
सदा  ऐसे ही तुम चाहोगे क्या?
जीना जो सीखाया है
भुला तो न दोगे
विरह से डरता है जो दिल
दूर कही चले तो न जाओगे?
पूछ लेते है वो यु ही अचानक
मेरे बिन जी सकोगे क्या तुम?
मेरी बातें भुला तो नहीं दोगे कल?
नहीं जानते की अलफ़ाज़ के जुगनू नहीं मिलते
बातें नहीं है ये कोई बनाई हुई
ख़ामोशी के कुछ पल कट जाये तुम्हारे साथ
इसी का वो बहाना है
बातें भुलाने का कभी कुछ सोचा ही नहीं
जब सोचो तो सासें थमने लगती है 
हर घडी हर पल साथ है तेरा 
इतना करम है जिंदगी का मुझ पर
छोटी सी दुनिया है जो ये मेरी
इसके बाहर जाने की कहा है चाह?
यादो में रहते है वो चाँद लम्हे
आँख भर आई आज उस याद पर...



2 comments: